ऐसा क्या लिखूँ की तेरे दिल को तस्सली हो जाए,
क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम।
-----------------------------
यादों की कैद से आज़ाद हो भी जाओ अगर
वो रूह कहाँ से लाओगे जो उनकी इबादत न करे..
क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम।
-----------------------------
यादों की कैद से आज़ाद हो भी जाओ अगर
वो रूह कहाँ से लाओगे जो उनकी इबादत न करे..
0 comments:
Post a Comment