Searching...

Translate

Join me on Facebook

ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस

ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस
इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और
ज़िंदगी कभी खत्म न हो ।


-----------------------------

:kissing_heart::heart_eyes:फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है:two_hearts::ok_hand:

0 comments:

Post a Comment

Search This Blog

Followers