ऐसा क्या लिखूँ की तेरे दिल को तस्सली हो जाए, क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम। ----------------------------- यादों की कैद...

ऐसा क्या लिखूँ की तेरे दिल को तस्सली हो जाए, क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम। ----------------------------- यादों की कैद...
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी, कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो । ----------------------------- :kissing_heart: :heart_e...
जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा तू मेरे सामने बैठा है और मैं सोचता हूँ के आते लम्हों में जीना भी इक सज़ा हो...